हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने के लिए मंगलवार को तथा शनि महाराज की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा में कष्ट कम करने के लिए शनिवार को चोला चढ़ाया जाता है। मान्यता इन्हीं दिनों की है, लेकिन दूसरे दिनों में रवि, सोम, बुध, गुरु, शुक्र को चढ़ाने का निषेध नहीं है।
Hanuman ji ka chola : हनुमान जी बेहद ही सरल और तुरंत खुश होने वाले देवताओं में हैं। इन्हें खुश करने से अन्य देवता भी आसानी से खुश हो जाते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करे के लिए बस मन में पवित्रता, शुद्धता और सात्विकता का होना बहुत जरूरी होता है। सिंदूर प्रेमी हनुमान जी को हमेशा ऑरेंज कलर का चोला पहनाया जाता है। आपको पता ये चोला चमत्कारी प्रभावों से भरा होता है। जब यह चोला कई वर्षों तक एक के ऊपर एक चढ़ाया जाता है तो सिंदूर की मोटी परत हनुमानजी की मूल प्रतिमा पर जमती चली जाती है और किसी दिन अचानक यह चोला अपने आप ही उतर जाता है। कहा जाता है कि हनुमान जी ने स्वत: ही इस चोले को उतरा होता है।
यानी ये चोला सालों साल बाद ही उतरता है। इतना ही नहीं कई बार तो ये सदियों तक नहीं उतरता। कई पीढ़ियों के बाद कोई इसे उतरता पाता है। यानी सोचिए इसका उतरना कितना प्रभावकारी होता होगा। इसका उतरना देख पाना ही सौभाग्य भर होता है। तो आइए जानते हैं कि अगर ये चोला मिल जाए तो कितना कुछ एक इंसान पा सकता है।